Business Success Story : सामान्य तौर पर जब हमारे कपड़े जो हम पहनते हैं पुराने होने पर हम उन्हें फेंक देते हैं या रद्दी में दे देते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसे कपल की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिनका नाम सुनीता और सुहास है। इन्होंने एक स्टार्टअप की शुरुआत की जिसका नाम द गुड गिफ्ट है। इस स्टार्टअप में यह पुराने कपड़ों से गुड़िया बनाकर बेचते हैं। बचपन में सुहास की दादी कपड़े की गुड़िया बनाकर इन्हें खेलने के लिए देती थी। इसी को इन्होंने एक आईडिया के रूप में तब्दील कर दिया और आज इस बिजनेस की बदौलत 75 लाख रुपए सालाना की कमाई करते हैं।
इस स्टार्टअप को कैसे शुरू करना है और इसमें इस कपल को क्या-क्या परेशानी आई आइये जानते हैं इसके बारे में।
Business Success Story The Good Gift
सुनीता और सुहास का कहना है कि पुराने कपड़ों को गुड़िया के रूप में बनाने की वजह से जमीन पर इन कपड़ो को फैलने से रोका जा सकता है। उनके काम के बदौलत अब तक 8000 किलोग्राम कपड़ा लैंड फील्ड में जाने से बच चुका है। जमीन पर पड़ा यह कपड़ा सालों साल तक खराब नहीं होता है और धरती को प्रदूषित करता है, लेकिन इस स्टार्टअप की वजह से इस समस्या से छुटकारा मिल रहा है। साथ ही इन्होंने तमिलनाडु और नीलगिरी के क्षेत्र में आदिवासी समुदाय की 200 से भी ज्यादा महिलाओं को कम पर लगाया हुआ है।
15 साल नौकरी करने के बाद शुरू किया स्टार्टअप
द गुड गिफ्ट शुरू करने से पहले सुहासिनी बेंगलुरु में 15 साल तक कॉर्पोरेट सेक्टर में जॉब की थी, लेकिन अपनी जॉब के दौरान इनको कभी भी संतुष्टि नहीं मिली। इसके बाद भागदौड़ भरी जिंदगी से परेशान होकर उन्होंने वह काम करना शुरू किया जिसमें इन्हें खुशी मिलती थी। 2017 में यह नीलगिरी की पहाड़ियों में आकर बस गए और यहीं पर रहना शुरू कर दिया और शुरुआत की सब्जियां उगाने से।
नदी की पानी को इकट्ठा करके यह उस सौर ऊर्जा बनाते थे और उसका उपयोग खेती-बाड़ी के लिए करते थे। वहीं पर इनको यह बिजनेस शुरू करने का आईडिया पहली बार आया।
कैसे आया बिजनेस आइडिया
इस बिजनेस आइडिया की बात करें तो अपनी दैनिक आजीविका चलाने के लिए यहां के आदिवासी लोग चाय की कटाई का काम करते थे। हालांकि ग्रामीण महिलाओं के पास कोई भी रेगुलर काम नहीं था। बहुत सारी महिलाएं सुबह-सुबह दूसरे गांव अपने बच्चों को छोड़कर काम करने जाती थी। इसी वजह से इस कपल ने साल 2019 में इंडियन यार्ड फाउंडेशन की स्थापना करके इसकी शुरुआत की। इस फेडरेशन का मुख्य उद्देश्य निलगिरी में रहने वाली आदिवासी महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारना था।
इस काम की शुरुआत में इन्होंने महिलाओं को कढ़ाई करने का काम सिखाए और फिर आगे बढ़कर इन्होंने द गुड गिफ्ट स्टार्टअप की शुरुआत की। इसके लिए इन्होंने एक वेबसाइट भी बनाई और वहां पर महिलाओं द्वारा बनाए गए फैब्रिक डॉल और अन्य खिलौने को लिस्ट करना शुरू कर दिया।
अब हर साल होती है 75 लाख की कमाई
इस स्टार्टअप की शुरूआत इन्होंने बिजनेस टू बिजनेस मॉडल पर की थी। उनके द्वारा बनाया गया माल अब चेन्नई बेंगलुरु गोवा आदि जगहों पर ऑफलाइन स्टोर पर भी बेचा जाता है। हर महीने इनके साथ काम करने वाली महिलाएं 3000 से भी ज्यादा गुड़िया बनाकर बेचती है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में इनका कुल रेवेन्यू 75 लाख रुपए से ज्यादा था। काम करने वाली आदिवासी महिलाओं को हर महीने ₹8000 से लेकर ₹10000 तक की सैलरी मिल जाती है।
उम्मीद करते हैं कि आज जो बिजनेस की सक्सेस स्टोरी हमने आपको बताई है। आप भी इससे कुछ ना कुछ जरूर सीखेंगे इस प्रकार से आपके भी मन में कोई बिजनेस आइडिया है तो आप उसे पर काम शुरू कर सकते हैं।
आप सभी ने इस लेख के माध्यम से एक ऐसे बिजनेस आइडिया के बारे में जानकारी प्राप्त की एवं सफल कहानी को समझा, यदि आप भी चाहे तो इस तरह के बिजनेस कर सकते हैं।
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