Carbide Banana: सुबह नाश्ते में केला खाना सभी को बहुत पसंद होता है केला हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है इसमें बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं लेकिन आजकल बाजार में प्राकृतिक तरीके से पके हुए केले बहुत मुश्किल से मिलते हैं ज्यादातर फल बेचने वाले केमिकल की मदद से कच्चे केले को पका देते हैं अगर आप एक केमिकल से पकाया हुआ केला खाते हैं तो इसकी वजह से आपको चक्कर आना उल्टी आना सर दर्द और कैंसर की बीमारी भी हो सकती है।
केला एक ऐसा फल होता है जिसकी कीमत नॉर्मल होती है और हर व्यक्ति इसे आसानी से खरीद कर खा सकता है, लेकिन बाजार में मिलने वाले केले पकाने के लिए जहरीले कार्बाइड केमिकल का उपयोग किया जाता है। ऐसे केले खाने से आपको बहुत नुकसान हो सकता है। आप कुछ तरीकों को फॉलो करके कार्बाइड केमिकल से पके हुए केले की पहचान कर सकते हैं।
असली केला कैसे पहचाने
जो प्राकृतिक केला होता है वह सही तरीके से पका हुआ होता है इसके छिलके पर काले धब्बे भूरे रंग के धब्बे आपको देखने को मिल जाते हैं और इसका रंग बहुत ज्यादा गहरा पीला होता है। जबकि केमिकल से पकाया और केला बाहर से एकदम साफ सुथरा होता है उसके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई डब्बा नहीं होता है।
केले के रंग को ध्यान से देखें
कार्बाइड से पका हुआ केला जब हम खाते हैं तो हमारी सेहत को बहुत नुकसान होता है। इस केले का छिलका एकदम चिकना और हल्के पीले रंग का होता है जबकि इसके अंदर का हिस्सा चेक करेंगे तो यह है हल्का हरे रंग का भी हो सकता है नेचुरल केले में अंदर वाला हिस्सा काले रंग का होता है कार्बाइड से पके हुए केले बहुत जल्दी खराब होने लगते हैं जबकि नेचुरल केले जल्दी खराब नहीं होते हैं।
पानी से टेस्ट करके पता लगे
कार्बाइड से पके हुए केले का आप पानी के माध्यम से पता लगा सकते हैं। इसके लिए आपको एक बर्तन में पानी लेना है और केले को उसे पानी में डालकर छोड़ देना है। अगर केला पानी में डूब जाता है तो मतलब वह प्राकृतिक रूप से पका हुआ है लेकिन केला पानी के ऊपर तैरने लगता है तो यह इस बात का प्रमाण है कि उसे कार्बाइड या फिर किसी अन्य केमिकल की मदद से पकाया गया है।
कहीं से कच्चा कहीं से पक्का होता है कार्बाइड केला
कार्बाइड वाला जो केला होता है वह बाहर से एक जैसे नहीं होते हैं। कुछ हिस्सा आपको ऐसा लगेगा कि पका हुआ है तो वहीं कुछ इससे आपको कच्चे नजर आते हैं। यह इस बात का प्रमाण है की केला प्राकृतिक रूप से नहीं पकाया गया है बल्कि उसे केमिकल की मदद से तैयार किया गया है।
टच करके पता करें
नेचुरल तरीके से पकाया हुआ केला बहुत ही मुलायम होता है, जबकि कार्बाइड से पकाया हुआ केला सख्त होता है। कार्बाइड से पकाये केले का बाहर का हिस्सा अंदर के केले की तुलना में बहुत ज्यादा सख्त होता है।
ऊपर बताए गए तरीकों से आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि आप जो केले खा रहे हैं वह कार्बाइड से पकाए गए हैं या नहीं।
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