OPS vs NPS vs UPS : तीनों पेंशन स्कीम में से कौन सी स्कीम है सबसे फायदेमंद? यहां पर समझे पूरी डिटेल

OPS vs NPS vs UPS : सरकारी कर्मचारी हो या प्राइवेट कर्मचारी, जब रिटायरमेंट होती है, तो उसके बाद की चिंता उसे सताने लगती है। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद के लिए हमेशा ही एक पेंशन प्लान लेकर चलना चाहिए, जिससे बुढ़ापे में किसी भी प्रकार की आर्थिक समस्या ना हो। सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पहले ओल्ड पेंशन स्कीम चलाती थी, लेकिन उसे बंद कर दिया गया। उसके बाद में सरकार ने नई पेंशन योजना की शुरुआत की, लेकिन यह पेंशन योजना लोगों को पसंद नहीं आई।

नई पेंशन योजना का विरोध तो हम पिछले काफी समय से देख रहे हैं, लेकिन इसी बीच सरकार एक यूनिफाइड पेंशन योजना लेकर आ गई है, जिसमें अभी ज्यादातर लोगों को पता नहीं है कि यह क्या है। यहां पर हम आपको तीनों ही प्रकार की पेंशन स्कीम के बारे में समझाने वाले हैं।

OPS vs NPS vs UPS

सबसे पहले हम पुरानी पेंशन स्कीम की बात करते हैं, जहां पर कर्मचारियों को यह बहुत ज्यादा पसंद थी, क्योंकि जो कर्मचारी को अंतिम वेतन मिलता था, उसके आधार पर ही यह पेंशन चलाई जाती थी। सभी कर्मचारियों को यही पेंशन स्कीम सबसे अच्छी लगती थी, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें काफी अच्छा पैसा इससे मिलता रहता था।

उसके बाद में सरकार कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना लेकर आई, जिसमें 2004 के बाद में नौकरी पर लगे सभी कर्मचारियों को शामिल किया गया। नई पेंशन स्कीम में पेंशन की गारंटी नहीं होती है, बल्कि इसमें एक नियोक्ता योगदान पोर्टल बनाया जाता है। इसके माध्यम से रिटायरमेंट के बाद में पेंशन मिलती है, लेकिन पेंशन की राशि कितनी होगी, यह निश्चित नहीं होता है।

अब सरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम लेकर आ गई है। इसके अंतर्गत सरकार दावा कर रही है कि नई पेंशन स्कीम में जितनी भी शिकायतें हैं, उनको खत्म कर दिया जाएगा। यूनिफाइड पेंशन स्कीम के माध्यम से भी कर्मचारियों को एक सुनिश्चित पेंशन का लाभ मिलेगा, साथ ही महंगाई दर के साथ इसे जोड़ा जा रहा है। इससे महंगाई बढ़ने के साथ ही आपकी पेंशन भी बढ़ती रहेगी। यूपीएस एक ओल्ड पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम के बीच सामंजस्य बिठाने की कोशिश है।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम के 5 स्तंभ

निश्चित पेंशन: इसके माध्यम से रिटायरमेंट से पहले 12 महीने में जो कर्मचारी का वेतन होगा, उसका 50% आपको पेंशन के रूप में मिलता रहेगा। लेकिन इसके लिए आपकी सर्विस कम से कम 25 वर्ष की होनी जरूरी है। अगर 25 वर्ष से कम लेकिन 10 वर्ष से अधिक आपने सर्विस की है, तो उसी के अनुपात में आपको पेंशन मिलेगी। पेंशन पाने के लिए आपको मिनिमम 10 वर्ष की सेवा सरकार के लिए करनी होगी।

निश्चित पारिवारिक पेंशन : इस योजना के अंतर्गत अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके बाद जितना वेतन कर्मचारी को अंतिम समय में मिल रहा था, उसकी 60% राशि पेंशन के रूप में परिवार को हमेशा मिलती रहेगी।

न्यूनतम पेंशन : इस योजना के अंतर्गत अगर कोई भी कर्मचारी कम से कम 10 वर्ष की सर्विस करने के बाद रिटायर हो जाता है, तो उसे मिनिमम ₹10000 महीने की पेंशन मिलेगी।

महंगाई दर के साथ समायोजन: इस पेंशन को महंगाई दर के साथ जोड़ दिया गया है। मतलब महंगाई बढ़ेगी, और आपकी पेंशन भी बढ़ती रहेगी। इससे आपके ऊपर किसी भी प्रकार का आर्थिक दबाव नहीं पड़ेगा।

ग्रेच्युटी: यूनिफाइड पेंशन स्कीम के अंतर्गत जब कोई भी कर्मचारी रिटायर होगा, तो उसे एक मुक्त राशि का भुगतान भी किया जाएगा, जो उसके मूल वेतन+महंगाई भत्ते का 1/10वां हिस्सा होगा।

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