Economic Survey 2025: भारत में साल 2025 का इकोनामिक सर्वे 1 फरवरी से शुरू हो रहा है। इस इकोनामिक सर्वे के बारे में सभी लोग जानना चाहते हैं। इस इकोनामिक सर्वे के अंतर्गत आम जनता को भी बहुत ज्यादा फायदा होने की उम्मीद की जा रही है। इसी वजह से शनिवार को सुबह 11:00 से यह इकोनामिक सर्वे शुरू हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा इस इकोनामिक सर्वे में और आने वाले बजट में क्या देखने को दिया जा सकता है। इसके बारे में अलग-अलग उम्मीद लगाई जा रही है।

आखिर इकोनामिक सर्वे क्या होता है? यह कब शुरू हुआ और एक आम लोगों के लिए इकोनामिक सर्वे का क्या महत्व होता है? यहां पर उसकी जानकारी दी जा रही है।
What is Economic Survey 2025
सरकार को हर साल जब बजट पेश करती है उसके एक दिन पहले अपना इकोनामिक सर्वे पेश करना होता है। यह एक फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट होते हैं जिसमें पूरे साल के महत्वपूर्ण दस्तावेज और इकोनॉमी से जुड़े हुए जानकारी होती है। इस इकोनामिक सर्वे के माध्यम से अगले 1 साल के लिए देश की इकोनॉमी क्या रहने वाली है। इसकी संभावना और आने वाली चुनौतियों की जानकारी इसमें होती है।
इकोनामिक सर्वे में फाइनेंशियल ईयर के अंतर्गत रोजगार, महंगाई, जीडीपी आदि को लेकर कौन-कौन से निर्णय लिए जा सकते हैं और उसके आंकड़े इसका एक पूरा विश्लेषण दिया हुआ होता है।
History of Economic Survey
इकोनामिक सर्वे की शुरुआत भारत में 1950-51 के इकोनामिक सत्र से हुई थी। यहां पर पहला बजट भी इसी के साथ पेश किया गया था। लेकिन 1964 के बाद इकोनामिक सर्वे को और बजट को अलग-अलग कर दिया गया, जिसके बाद बजट के 1 दिन पहले इकोनामिक सर्वे लाया जाता है, जिससे लोगों को पता लगने लगा कि देश की इकोनॉमी कैसी चल रही है।
Budget Session 2025 हो रहा आज से शुरू
भारत में साल 2025 का बजट सत्र 1 फरवरी से शुरू हो रहा है। इसीलिए 31 जनवरी को इकोनामिक सर्वे पेश किया जा रहा है। यह इकोनामिक सर्वे 13 फरवरी तक चलने वाला है। यह इकोनामिक सर्वे का पहला भाग है। इसका दूसरा भाग 10 मार्च को शुरू किया जाएगा जो 4 अप्रैल तक चलने वाला है। साल 2025 के लिए केंद्रीय बजट भी 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। यह पूरा कार्यक्रम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू की अध्यक्षता में संपन्न होगा।
Economic Survey 2025 का आम लोगों के लिए महत्त्व
- इकोनामिक सर्वे के माध्यम से देश की आम जनता को भी देश की जो इकोनामिक स्थित है उसकी जानकारी मिलती है।
- इकोनामिक सर्वे के अंतर्गत पिछले 1 साल में कितना रोजगार दिया गया, क्या जीडीपी चल रही है।महंगाई कितनी घटी या बढ़ी है, इसकी बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आती है।
- इकोनामिक सर्वे की वजह से आम नागरिक भी आसानी से अलग-अलग प्रकार की पॉलिसी और नेशनल योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
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